कोरबो लोडबो जीतबो रे - यही नज़ारा था कल कोलकता की सडको पर...
जोश और उत्साह से भरे कल कोलकाता के लडाको ने चन्द्रगुप्त मौर्या को फिर से विजयी बना दिया| इतना जोश और उत्साह मात्र एक टीवी सीरियल को बचाने हेतु नहीं किया जा रहा है, बल्कि भारत देश की अनोखी और अप्रतिम संस्कृति को बचाने के लिए भी किया जा रहा है| जो बात चन्द्रगुप्त मौर्या के इस सीरियल में नज़र आती है.. वो बात वो सादगी लोगो को कही और नज़र नहीं आती | इन साधारण से दिखने वालो नौजवानों में असाधारण ताकत नज़र आती है| अगर ज़ल्दी ही इन लोगो को अपना सीरियल चन्द्रगुप्त मौर्या का पुनः प्रसारण नहीं दिखा तो न जाने ये छोटी से चिंगारी कब ज्वाला में तब्दील हो जाएगी , इस बात का न इन्हें अंदाजा है नहीं ही किसी और को .. आज भारत के छोटी छोटी गलियों में ये प्रदर्शन कर रहे है.. कल पूरे देश विदेश में ये चन्द्रगुप्त मौर्या को बचने के लिए सडको पर आ जायेंगे , परन्तु ये बात भी सच है के इनके प्रदर्शन से किसी को कोई परेशानी न अब तक हुयी है और ना ही आगे होगी क्यूंकि इनके पास इनके गुरु चाणक्य की शिक्षा है , जिन्हें इन सब ने आज तक सिर्फ टीवी पर ही देखा है.. अगर एक चाणक्य इन लोगो में इतनी शिक्षा भर सकता है तो सोचो पूरा चन्द्रगुप्त मौर्या का सीरियल इस देश की भावी संस्कृति के लिए कितना लाभकारी होगा, ये बात इतनी छोटी नहीं है ..ये बात इस देश के नेताओ को भी सोचनी चाहिए , और उन सबको आगे आना चाहिए जो सचमुच में इस देश की संस्कृत को बचाना चाहते है , उन्हें लोग कोई हक़ नहीं है की वो सिर्फ अपने घर में बैठकर इस भारत देश को हर बात के लिए कोसते रहे ..बदलाव लाना है तो यही सही वक़्त है ..अपने अपने घरो से निकलकर अब कुछ कर दिखने के बारी है| डेल्ही और कोल्कता ने तो अपनी ताकत दिखा दी अब बाकि लोगो की बारी है. सोचो समझो और निकल पद्नो चन्द्रगुप्त को लाना है .. अपने देश की संस्कृति को बचानााना है| जय माँ भारती |
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